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5 Dec

छत्तीसगढ़ में लागू हुई होमस्टे नीति 2025-30

छत्तीसगढ़ सरकार ने नई होमस्टे पॉलिसी 2025-30 लागू कर दी है और इसका सबसे बड़ा असर ग्रामीण इलाकों, खासकर बस्तर और सरगुजा संभाग में देखने को मिलेगा। मकसद साफ है पर्यटन बढ़े, गांवों में कमाई के नए रास्ते खुलें और लोग स्थानीय जीवन को करीब से महसूस कर सकें।

इस पॉलिसी के तहत ग्रामीण परिवार अपने घर को होमस्टे के तौर पर तैयार कर सकेंगे। सरकार उनकी मदद भी करेगी। नए होमस्टे के लिए एक लाख रुपये तक की सहायता मिलेगी। घर को अपग्रेड करने के लिए 10 लाख रुपये तक की मदद का प्रावधान है। रिनोवेशन में 50 हजार रुपये और लोन लेने पर पूरी ब्याज सब्सिडी भी मिलेगी। मतलब अगर कोई परिवार इस दिशा में कदम बढ़ाना चाहता है, तो रास्ता पूरी तरह खुला है।

इससे स्थानीय लोगों के लिए स्थायी आय के अवसर बनेंगे। युवाओं, महिलाओं और कारीगरों को रोजगार और स्वरोजगार दोनों मिलेंगे। दूसरी तरफ, पर्यटकों को गांव की सादगी, जंगल-पहाड़, जनजातीय संस्कृति, कला, हस्तशिल्प और स्थानीय व्यंजनों का असली अनुभव मिलेगा।

ग्रामीणों को मिलेगा पर्यटन से कमाई का मौका

सरगुजा में अब सैलानियों को वही असली माहौल मिलेगा, जिसकी तलाश में वे वहां आते हैं। गांवों में बने घरों में ठहरने से उन्हें चारपाई, कुएं का पानी, खेत-खलिहान और लोकल खाने का स्वाद सब कुछ एक ही जगह मिलेगा। महंगे शहरों के होटलों में रहने और लगातार कैब बुक कर घूमने का खर्च भी कम होगा।

पर्यटन विशेषज्ञ अजय कुमार चतुर्वेदी के मुताबिक, यह नीति बस्तर और सरगुजा दोनों संभागों के पर्यटन को नई रफ्तार देगी। सरगुजा में धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों की भरमार है रामगढ़, डीपाडीह, मैनपाट, सोमरसोत, तमोर पिंगला अभयारण्य और गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व जैसे इलाके सैलानियों को खींचते हैं।

बस्तर में तो कुछ गांवों में होमस्टे कल्चर पहले से ही पनप रहा है। प्रभारी मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि पर्यटक परिवार के साथ रहेंगे, वही खाएंगे जो घर में बनेगा, खेतों में घूमेंगे और गांव की दिनचर्या का हिस्सा बनेंगे। विदेशों में यह मॉडल काफी सफल है, और अब इसे छत्तीसगढ़ में भी बढ़ाया जा रहा है।

सरकार एक कमरे पर एक लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि देगी पहले साल 50 हजार, दूसरे साल 30 हजार और तीसरे साल 20 हजार। एक व्यक्ति छह कमरों तक बना सकता है। लोन लेने पर ब्याज में भी छूट मिलेगी।

कुल मिलाकर फायदा दोनों ओर है। ग्रामीणों को कमाई का मौका मिलेगा और पर्यटकों को उस संस्कृति के बीच रहने का अनुभव, जिसे वे अब तक सिर्फ कैमरे में कैद कर वापस लौटते थे। पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ में होमस्टे तेजी से बढ़े हैं। शहरों की भागदौड़ से दूर, लोग अब गांवों की शांति में समय बिताना पसंद कर रहे हैं। सरकार की यह नीति उसी बदलाव को ताकत देने की कोशिश है।